क्या से क्या देखो ज़माना हो गया ।
अब कठिन वादा निभाना हो गया।
खुल के तेरी ज़ुल्फ़ क्या लहरा गई,
देख ये मौसम सुहाना हो गया।
आपकी प्यारी सी सूरत देखकर,
आइना हमसा दीवाना हो गया।
इश्क़ में बेघर हुए अरमाँ मेरे,
और दिल उनका ठिकाना हो गया।
मौत से डरता रहा मैं उम्र भर,
ज़िंदगी का, पर, निशाना हो गया।
टीस उठती है ये अक्सर देखकर,
माँ का हर ज़ेवर पुराना हो गया।
देखना है पंख कितने साथ हैं,
जब कि गिरवी आशियाना हो गया।
कह रहा है शे'र कितने इश्क़ पर,
देखिये "रोहित" सयाना हो गया।
©रोहिताश्व मिश्रा
अब कठिन वादा निभाना हो गया।
खुल के तेरी ज़ुल्फ़ क्या लहरा गई,
देख ये मौसम सुहाना हो गया।
आपकी प्यारी सी सूरत देखकर,
आइना हमसा दीवाना हो गया।
इश्क़ में बेघर हुए अरमाँ मेरे,
और दिल उनका ठिकाना हो गया।
मौत से डरता रहा मैं उम्र भर,
ज़िंदगी का, पर, निशाना हो गया।
टीस उठती है ये अक्सर देखकर,
माँ का हर ज़ेवर पुराना हो गया।
देखना है पंख कितने साथ हैं,
जब कि गिरवी आशियाना हो गया।
कह रहा है शे'र कितने इश्क़ पर,
देखिये "रोहित" सयाना हो गया।
©रोहिताश्व मिश्रा
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